Friday, April 23, 2021

what is तीर्थ theerth ?? place of worship for hinduism || theerth

तीर्थ किन्हें कहते है? यह कितने प्रकार के होते है ?

तीर्थ शब्द का अर्थ पवित्र करने वाला है  सामान्यता उस नदी, सरोवर भूमि को तीर्थ कहा जाता है जिसके संपर्क में आने पर “स्नान व् दर्शन आदि” से मानव का पाप नष्ट हो जाता है ऐसे तीर्थ तीन प्रकार के होते है –

1. नित्य तीर्थ

2. भगवदीय तीर्थ

3. संत तीर्थ

1. नित्य तीर्थ – नित्य तीर्थ वे तीर्थ कहलाते है जो श्रृष्टि के प्रारम्भ से ही धारा पर दिव्य पावनकरणी शक्ति के रूप में विधमान है । जेसे- पवित्र स्थल  कैलास, मानसरोवर, काशी तथा  जेसे पवित्र नदी गंगा, यमुना, रेवा ( नर्मंदा ) आदि ।

2. भगवदीय तीर्थ – भगवदीय तीर्थ वे तीर्थ है जहाँ भगवान  का अवतार हुआ, जहाँ उन्होंने कोई लीला की, जहां उन्होंने किसी भक्त को दर्शन दिए हो और उसका उद्धार किया । जैसे – अयोध्या, मथुरा आदि । 

3. संत तीर्थ – संत के चरण जहाँ जहाँ पड़ते है , वह भूमि तीर्थ बन जाती है । संत की जन्म भूमि, उसकी साधना स्थली, और उसकी निर्वाण भूमि (देहत्याग) एवं समाधी को संत तीर्थ कहा जाता है ।

तीर्थ और पर्व का प्रवर्तन हमारे पूर्वजों द्वारा संस्कार एवं सामाजिक गुणों की प्रस्थापना को ध्यान में रखकर किया गया  प्रत्येक हिन्दू को इनके स्वरुप एवं महत्व को ध्यान में समझकर लाभान्वित और गोर्वान्वित होना चाहिए ।


No comments:

Post a Comment

Pleas do not enter any spam link in comment box

वीर बालिका (हम्मीर-माता) hammir ki mata ji

          चित्तौड़ के महाराणा लक्ष्मण सिंह के सबसे बड़े कुमार अरि सिंह जी शिकार के लिये निकले थे। एक जंगली सूअर के पीछे अपने साथियों के साथ ...