Thursday, June 6, 2024

वीर बालिका (हम्मीर-माता) hammir ki mata ji


          चित्तौड़ के महाराणा लक्ष्मण सिंह के सबसे बड़े कुमार अरि सिंह जी शिकार के लिये निकले थे। एक जंगली सूअर के पीछे अपने साथियों के साथ घोड़ा दौड़ाये वे चले जा रहे थे। सूअर इन लोगों के भय से एक बाजरे के खेत में घुस गया। उस खेत की रक्षा एक बालिका कर रही थी। वह मचान से उतरी और खेत के बाहर आकर घोड़ों के सामने खड़ी हो गयी। बड़ी नम्रता से उसने कहा-'राजकुमार! आप लोग मेरे खेत में घोड़ों को ले जायेंगे तो मेरी खेती नष्ट हो जायगी। आप यहाँ रुकें, मैं सूअर को मारकर ला देती हूँ।'

        राजकुमार को लगा कि यह लड़की खाली हाथ भला सुअर को कैसे मार सकेगी। वे कुतूहलवश खड़े हो गये, पर उन्हें यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि उस लड़की ने बाजरे के एक पेड़ को उखाड़कर तेज किया और खेत में निर्भय घुस गयी। थोड़ी ही देरमें उसने सूअर को मारकर राजकुमार के सामने लाकर रख दिया। वहाँ से राजकुमार अपने पड़ाव पर आये। जब से लोग खान कर रहे थे, तब एक पत्थर आकर उनके एक घोड़े के पैर लगा, जिससे घोड़े का एक पैर टूट गया। वह पत्थर उसी किसान की लड़की ने अपने मचान पर से पक्षियों को उड़ाने के लिये फेंका था। राजकुमार के घोडे की दशा देख वह अपने खेत से दौड़कर वहाँ आयी और असावधानी से पत्थर फेंका गया इसके लिये क्षमा माँगने लगी।
        राजकुमार बोले- 'तुम्हारी शक्ति देखकर मैं आश्चर्य में पड़ गया हूँ। मुझे दुःख है कि तुम्हें देने योग्य कोई पुरस्कार इस समय मेरे पास नहीं है।'

        उस लड़की ने कहा-'अपनी गरीब प्रजापर आप कृपा रखें, यही मेरे लिये बहुत बड़ा पुरस्कार है।' इतना कहकर उस समय वह चली गयी। सायंकाल राजकुमार तथा उनके साथी घोड़ों पर बैठे जा रहे थे। तब उन्होंने देखा कि वही लड़की सिर पर दूध की मटकी रखे दोनों हाथों से दो भैंसों की रस्सियाँ पकड़े जा रही है। राजकुमार के एक साथी ने विनोद करने के लिये धक्का देकर उसकी मटकी गिरा देनी चाही, पर जैसे ही उसने घोड़ा बढ़ाया; उस लड़की ने उसका इरादा समझ लिया। उसने अपने हाथ में पकड़ी भैंस की रस्सी को इस प्रकार फेंका कि उस रस्सी में उस सवार के घोड़े का पैर उलझ गया। घोड़े के साथ ही वह सवार भी धड़ाम से भूमि पर गिर पड़ा।

       इस निर्भय बालिका के साहस और शक्ति को देखकर कुमार अरिसिंह मुग्ध हो गये। उन्होंने पता लगाकर जान लिया कि वह क्षत्रिय-कन्या है। स्वयं अरिसिंह ने उसके पिता के पास जाकर उसके विवाह की इच्छा प्रकट की। इस प्रकार अपने पराक्रम के प्रभाव से वह बालिका एक दिन चित्तौड़ की महारानी हुई। प्रसिद्ध राणा हम्मीर ने उसी के गर्भ से जन्म लिया था।

No comments:

Post a Comment

Pleas do not enter any spam link in comment box

वीर बालिका (हम्मीर-माता) hammir ki mata ji

          चित्तौड़ के महाराणा लक्ष्मण सिंह के सबसे बड़े कुमार अरि सिंह जी शिकार के लिये निकले थे। एक जंगली सूअर के पीछे अपने साथियों के साथ ...