Wednesday, August 17, 2022

परम वैभवी भारत होगा संघ गीत Param Vaibhavi Bharat Hoga Sangh Song


परम वैभवी भारत होगा


परम वैभवी भारत होगा,  संघ शक्ति का हो विस्तार 

गूंज उठे, गूंज उठे, भारत माँ की जय जयकार 

भारत माँ की जय जयकार ।।धृ।।


व्यक्ति और परिवार प्रबोधन, समरसता का भाव बढ़े

नित्य मिलन चिन्तन मंथन से, संगठना का भाव जगे

इसी भाव के बल से गूंजे,  देशभक्ति की फिर हुंकार  ।।१।।


हो किसान या हो श्रमजीवी, सैनिक या व्यवसायी हो

अध्यापक विद्यार्थी सेवक,  या जनजाती भाई हो 

उद्यमिता और स्वावलम्बिता, शिक्षा में हो ये संस्कार ।।२।।


हिन्दू संस्कृति कि संरचना, मानवता का रक्षण हैं

जीवदया सृष्टि की पूजा, यह स्वभावगत लक्षण हैं 

शुद्ध गगन पानी माटी से, निर्विकार बन बहे बयार ।।३।।


शुभ परिवर्तन करने को अब, हम ऐसा संकल्प करें 

अखंड भारत का वह सपना, सब मिलकर साकार करें 

बाधा कोई रोक न सकती, जन्मसिद्ध अपना अधिकार ।।४।।



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